बहुचर्चित युग हत्याकांड : हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला, फ़ैसले से नाखुश परिजन जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बहुचर्चित युग हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जिला अदालत द्वारा तीनों दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने बदलकर दो को उम्रकैद में तब्दील कर दिया, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है।
इस फैसले से पीड़ित परिजन बेहद नाराज हैं। युग के पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि “11 साल बाद भी बेटे को न्याय नहीं मिला। दोषियों को फांसी होनी चाहिए थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सजा बदल दी। अब हम सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे।”
📌 मामले की पृष्ठभूमि
14 जून 2014 को शिमला के राम बाजार से 4 वर्षीय युग का अपहरण किया गया था।
आरोपियों ने फिरौती के लिए बच्चे को अगवा करने के बाद उसके शरीर पर पत्थर बांधकर भराड़ी के पेयजल टैंक में फेंक दिया।
अगस्त 2016 में पुलिस को टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ।
सीआईडी ने 25 अक्तूबर 2016 को चार्जशीट दाखिल की और फरवरी 2017 से ट्रायल शुरू हुआ।
साढ़े 10 महीने की सुनवाई के बाद जिला अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
अब हाईकोर्ट के फैसले से मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ऐलान किया है।


